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सीरत प्यारी प्यारी रख / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
सीरत प्यारी प्यारी रख
कुछ तो जिम्मेदारी रख
दुनियाँ लूट न ले तुझको
थोड़ी सी हुशियारी रख
बेगैरत लोगों के सर
तीखी एक कटारी रख
जो आया वह जायेगा
अपनी भी तैयारी रख
टूटे गर उसूल अपने
साधें सभी कुंवारी रख
मन कागज़ उड़ जाएगा
सच का पत्थर भारी रख
दुश्मन के अरमानों पर
इक तलवार दुधारी रख
धोखे की लकड़ी काटे
हाथों में वह आरी रख
पीठ दिखाने वालों से
कैसी भी मत यारी रख