भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सोनो / निशान्त

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ढळती उमर री
कमजोरी दूर करण सारू
बैद-हकीम बतावै
सोनै री भस्म

पण म्हनै लागै
कई दिन/फूलां आयोड़ै
तारैमीरै रै खेत में
बिचरूं तो
सागळी कमजोरी
दूर भाज सकै

पण कठै ’सू ल्याऊँ
इत्तो फक्कड़पणौ।