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स्वप्न / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
वह एक स्वप्न था
मेरी नींद में
आना ही चाहता था कि
टूट गई मेरी नींद
कहाँ गया होगा वह स्वप्न --
भटक रहा होगा कहीं
या पा ली होगी उसने
किसी और की नींद में ठौर
डर इस बात का है कि
यदि किसी की भी नींद में
ठिकाना न मिला उसे तो
कहीं निराश हो कर
आत्म-हत्या न कर ले
आज की रात एक स्वप्न