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हमरा कहाँ ठिकाना / कर्मानंद आर्य
Kavita Kosh से
हम चमार के
हम लुहार के, नाई, लोधी, भीलवार के
जोगी, कोरी, सैनी, कश्यप
मांझी, धनगर, पासी, असगर
हमरा कहाँ ठिकाना भैया
बड़े हुकुम को जाना भैया
भाग्य बड़ा या बड़ा रुपैया
धर्म बड़ा या डंडा भैया
भूख बड़ी सम्मान बड़ा या
पिटती कुटती अपनी गैया
वही पहाड़ा, वही सवाल
आजादी में हम बेहाल
हम का करें पढ़ाई भैया
हमने जात गंवाई भैया
कर लेगा क्या शिक्षा-अधिकार
चमड़ी-चमड़ा रहा पुकार
नाली बोले आओ बेटा
देश को स्वर्ग बनाओ बेटा
स्वर्ग बनाया हमने भैया
खाया धक्का हमने भैया
कैसे करें हम देश सुधार
वर्ण क्रम में जब हम बेकार
हमरा कहाँ ठिकाना भैया
मांझी बन लुट जाना भैया