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हम्मर इस्कुल में / अरुण हरलीवाल

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जरा, इस्कुल के बतिया बताव, सखिया!
अपन इस्कुल के।

हफ्ता में छउ दिन के जेल इस्कुल हे;
सुनऽ की दरोगा-नीयन मास्टर के रूल हे।
सच का हे, तूँ ही बताव, सखिया!
अपन इस्कूल के।

बाबू नीयन गुरुजी हथ, माय गुरुआइन;
घरवे-सन नेह-छोह, बड़ मनसाइन।
लगे खेल नीयन सभे पढ़ाय, सखिया!
हमर इस्कुल में।

हमर इस्कुल में तूँहूँ अब आव, सखिया!
हमर इस्कुल में।