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हम कवि / सत्यनारायण सोनी
Kavita Kosh से
मैंने तेरी कविता पढ़ी
अपनी-सी लगी।
तुमने मेरी
तुम्हें भी।
वह नहीं लिखता
उसे भी
तेरी-मेरी
अपनी सी लगी।
हम कवि हुए।
2012