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हम हैं नन्हें ‘बाल’ / बालकृष्ण गर्ग
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					हम हैं नन्हें बाल, 
सभी हमारे साल।
करके अच्छे काम, 
खूब कमाएँ नाम। 
करें सभी से प्यार, 
हो सच्चा व्यवहार। 
हम सब बच्चे एक, 
यही हमारी टेक-
‘जब तक बने न काम, 
हो आराम हराम’। 
‘चाचा’ का संदेश
दूर करे सब कलेश। 
[बाल-भारती, मई 1982]
 
	
	

