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हाइकु 166 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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मिग्र त्रसणा
पै रै‘यी है जुगां सूं
मिरगलां नैं
डोलर हींडो
लावै‘र पाछो
ले जावै ऊंचो
लोकतंत्र तो
रचै महाभारत
सिंघासणां रा