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हाइकु 74 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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अे आभै‘र
धरती बीच बस्या
सै भाई-भाई
अेक है ब्रह्म
फेर अेक क्यूं नीं है
उणरा जाया?
धोळा ऊंदरा
जम्या सिंघासणां‘र
सिंघ जमीं पे