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हाइकु 75 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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इतियासां रै
चिलकणां आखरां
जमगी धूड़
छात नै सदा
आंधी, मेह, तावड़ो
सै‘णा पड़सी
थेपड़ी थूं तो
गीली रै‘वै तो धुखै
सूखी तो बळै