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हादसा / सुरेश बरनवाल
Kavita Kosh से
आदमी
स्वयं में एक हादसा है
आदमी में
आदमियत का खत्म होना
एक और हादसा है
और किसी को
इसका अफसोस तक न होना
सबसे बड़ा हादसा है।