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हिन्दुस्तानी / आशा राजकुमार
Kavita Kosh से
हम कैसे भुल दी
हम हैं हिन्दुस्तानी
अपन हरी भरी देस
के छोड़ के काहे हम
जाए परदेस
खाइ काहे खात
कोई और के निमक
जब अपन घर में
है दूध भात
हम कैसे भुलाई
हम हैं हिन्दुस्तानी।