भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हुस्न के लाखों रंग / आनंद बख़्शी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
हुस्न के लाखों रंग
कौन सा रंग देखोगे
आग है ये बदन
कौन सा अंग देखोगे

गालों के ये फूल गुलाबी
इनकी रंगत क्या जानो
होंठों के दो जाम शराबी
इनकी लज़्ज़त क्या जानो
ज़ुल्फ़ों की ये छाँव घनेरी
इनकी राहत क्या जानो
हुस्न के लाखोन रंग ...

पदर्ए में क्या छुपा हुआ है
तेरी नज़र ये क्या जाने
इन आँखों के पीछे कितने
बसे हुए हैं मैखाने
पीके देखो जाम नज़र का
हो जाओगे दीवाने
हुस्न के लाखोन रंग ...