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हो गया प्रातः / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
आ गई किरन
खिल गई धूप
चम चम चमकीं
बूँदें हिम की
हो गया प्रात, हो गया प्रात:।
चल पड़ी हवा
खिल गये फूल
बगिया महकी
चिड़ियाँ चहकीं
हो गया प्रात: हो गया प्रात:।
तुम भी जागो
जागरण हुआ
नदियाँ कल कल
करतीं हलचल
हो गया प्रात, हो गया प्रात:।