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341 / हीर / वारिस शाह

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मरद सुआद चेहरे हैन नेकियां दे सूरत रन्न दी मीम मौकूफ<ref>हटा देना</ref> है नी
मरद आलम फाजल अते असल काबल किसे रंन नूं कौन वकफ<ref>समझ</ref> है नी
सबर राह है मन्नयां नेक मरदां अते सबर दी वाख मातूफ<ref>ढीली</ref> है नी
दफतर मकर फरेब खचरवादी एहनां पिसतयां विच मलफूफ<ref>लिफाफे में बंद</ref> है नी
रन्नां रेशमी कपड़ा मला मेली मरद जौज़कोदार<ref>खद्दरपोश</ref> मसरूफ है नी
वारस शाह वलायती मरद मेवे अते रन्न मिसवाक<ref>दातुन</ref> दा सूफ<ref>गुद्दा</ref> है नी

शब्दार्थ
<references/>