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389 / हीर / वारिस शाह
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सैनत मारके हीर ने जोगीड़े नूं कहया चुप कर एस भुकावनी हां
तेरे नाल जे एस ने वैर चाया मथा एसदे नाल मैं लावनी हां
करां गल गलायने नाल इसदे गल एसदे रेशटा<ref>झगड़ा</ref> पावनी हां
वारस शाह मियां राजे याद अे एसनूं कंजरीवांग नवाचनी हां
शब्दार्थ
<references/>