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570 / हीर / वारिस शाह
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हीर नाल फिराक<ref>बिछोड़ा</ref> दे आह मारी रब्बा वेख असाडियां भखन भाही
अगे अग पिछे सप शीह सांडे साडी वाह ना चलदी चैही राही
इके मेलसाइयां रांझा यार मैंनूं इके दोहां दी ऊमर दी अलख लाही
एडा केहर कीता देस वालया ने एस शहर नूं कादरा अग लाई
शब्दार्थ
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