नया पृष्ठ: <poem> भोर की पहली किरण के साथ मैं विगला बढ़ा साया हूँ मेरा जैसे आदि क...
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नया पृष्ठ: <poem> आज सुबह से धूप गरमाने लगी पर्वतों की बर्फ पिघलाने लगी बंद है गो...
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नया पृष्ठ: <poem> आज सुबह से धूप गरमाने लगी पर्वतों की बर्फ पिघलाने लगी बंद है गो...
नया पृष्ठ: <poem> सोता रहेगा मौसम-मौसम रोता रहेगा मौसम-मौसम क्या पाएगा आज जो कां...
नया पृष्ठ: <poem> भागी बहुत बेचारी नछली हाँफ गई तो हारी नछली डाला काँटा बाँधा पा...
नया पृष्ठ: <poem> फूटी थी निस्सार नदी पतली सी इक धार नदी छोड- अपना घर बार नदी मानो ...
नया पृष्ठ: <poem> कभी तो नीर था बहता बहू भिजाने पे अब आँख भी नहीं झुकती उसे जलाने ...
नया पृष्ठ: <poem> दाई से जो पेट छुपाए बाद में उतना ही पछताए पंछी मिलकर ज़ोर लगाए...
नया पृष्ठ: <poem> घोर बादलों में छुपी बिजलियाँ भी हैं कुछ हवा के दामन में आँधिया...
नया पृष्ठ: <poem> दोस्त भी कोई बनाना चाहिए दुश्मनों को भी जताना चाहिए हाँ मरीज़...
नया पृष्ठ: <poem> खुलते-खुलते खुल जाते हैं पर्दे इज़्ज़तदारों के आम सभा जब नंगे ...
नया पृष्ठ: <poem> नब्ज़ धीमी सांस भारी सुस्तियाँ प्रेम रोगी में कहाँ वो फुर्तिय...
नया पृष्ठ: <poem> वास्ता बहरों से है मुद्दा असल कौन गाए गीत होती क्या ग़ज़ल पेच त...
नया पृष्ठ: <poem> उतना वह मजबूर कहाँ है इतना बड़ा फितूर कहाँ है जिनता है टूटन का ...
नया पृष्ठ: <poem> करनियाँ मरने की हैं कथनियाँ जीने की हैं तीर तुक्के अटकलें फसल...
नया पृष्ठ: <poem> वैद है ढोंगी रोग झूठा कम असलीयत ज़्यादा नख़रा क्या पहचाने बाप ...
नया पृष्ठ: <poem> सेवकों ने जो भी बोला और है पर गुरों का असलचोला और है शक्ल वाकिफ...
नया पृष्ठ: <poem> कोई राजा कोई रानी कौन भरेगा घर का पानी बातें ही उलझीं कुछ ऐसी ब...
नया पृष्ठ: <poem> हाथ आई क्या व्यवस्था देखिए आदमी पशुओं से सस्ता देखिए सिर्फ का...
नया पृष्ठ: <poem> बड़े मुस्कुराए कई ग़म छुपाए न जब हाल पूछा न सपने सुनाए न शिकवा ...
नया पृष्ठ: <poem> करनी पड़ी सख़्त रख़वाली जब कोई भी हसरत प्आली मीत नहीं उम्मीद न...
नया पृष्ठ: <poem> अपनी खुद्दारी जो दर दर बेचता रह जाएगा उम्र भर यूँ ही वह टेकता रह...
नया पृष्ठ: <poem> साँझ ढले जो आते पंछी चीर कलेजा जाते पंछी कैसे जाल बिछाए हमने न...
नया पृष्ठ: <poem> दिनभर राम भगत बन जपते रहते मालाधारी सांझ ढले ही बन जाते हैं पूर...
नया पृष्ठ: <poem> दौर ज़ुल्मों का अगर अंधकार देकर जाएगा ढूँढकर शमां कोई फनकार दे...
नया पृष्ठ: <poem> जन्म के बीमार तेरा क्या करेगी ये जरा मिकदार तेरा क्या करेगी ऊं...
नया पृष्ठ: <poem> नाम बच्चो के सही उनकी अमानत कीजिए जाहिलों की जात न वहशी हिकारत ...
नया पृष्ठ: <poem> ऊपर समतल नीचे दलदल मन में विष,कर में गंगाजल अपना अपना कम्बल सम...
नया पृष्ठ: <poem> सच बयानी की जो अपनी आदत है उनके आईन में बग़ावत है। आम जन हैं अगर ...
नया पृष्ठ: <poem> आजमाईश की घड़ी आई तो है ले अगर माहौल अंगड़ाई तो है गो बरसने को अ...
नया पृष्ठ: <poem> करने लगेगा बात वह भी सोचकर रोटियाँ उसको मिली जो पेट भर अब मदारी...
नया पृष्ठ: <poem> कहता तो इसे है कि यह लोगों की सनक है इन हालात का वो असल में खुद ही...
नया पृष्ठ: <poem> अब अजब अहसास की परवाज़ में हैं पर लगे घर लगे होटल नुमाँ अर्धांग...
नया पृष्ठ: <poem> खाली तमाशबीन मदारी है मालोमाल कुछ हाथ का कमाल तो कुछ बात का कमा...
नया पृष्ठ: <poem> जब निराशा का अंधेरा घोर काला मिल गया शायरी की लौ जगी तो फिर उजाल...
नया पृष्ठ: <poem> आज बैठी कल उठेंगी हस्तियाँ उजड़तीं बसती रहेंगी बस्तियाँ शर्म ...
नया पृष्ठ: <poem> दिल की बात समझने का भी मौसम होता है कच्ची इमली चखने का भी मौसम ह...
नया पृष्ठ: <poem> क्षण भर में जो बात हो गई जनम-जनम सौग़ात हो गई कैसी आँख झुकाई उसन...
नया पृष्ठ: <poem> वे सब के सब अन्तर्यामी हम ठहरे मूरख खल कामी आँच न आए गुरूजनों प...
नया पृष्ठ: <poem> ऐश में अहसास की बातें चली मैकदों में प्यास की बातें चली कीचड़ो...
नया पृष्ठ: <poem> अन्ध कूपों को गगन कहते रहे पत्त्थरो ही को सुमन कहते रहे नाम ले...
नया पृष्ठ: <poem> उसी ने जंगलों की यह दशा उघाड़ी है उसी के हुक्म पर चलती रही कुल्ह...
नया पृष्ठ: <poem> जो मुकर्रर पासवां थे उस हसीं के वास्ते यूं ह्ये मुखबिर नहीं रक...
नया पृष्ठ: <poem> अंधकूपों सा अँधेरा रौशनाई हो गया है राहज़न का राज़ लिखना ही बु...
नया पृष्ठ: <poem> राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा कटघरे में है ख़ुदा रस्ता दिखा खे...
नया पृष्ठ: <poem> रिवायतों की वह धुंधली लकीर बाकी है जुदा सा रूह से जैसे शरीर बाक...
नया पृष्ठ: <poem> हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिए आदमीयत का ज़रा विस्तार होन...