अज्ञेय की रचनाएँ
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"
जन्म | 07 मार्च 1911 |
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निधन | 1987 |
उपनाम | अज्ञेय |
जन्म स्थान | कुशीनगर, देवरिया जिला, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्र धनु रौंदे हुए, आंगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार | |
विविध | |
"कितनी नावों में कितनी बार" नामक काव्य संग्रह के लिये 1978 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।"आँगन के पार द्वार" के लिये 1964 का साहित्य अकादमी पुरस्कार | |
जीवन परिचय | |
अज्ञेय / परिचय |
- आँगन के पार द्वार / अज्ञेय (कविता संग्रह)
- सवेरे उठा तो धूप खिली थी / अज्ञेय
- तीसरा सप्तक / अज्ञेय (कविता संग्रह)
- नया कवि : आत्म-स्वीकार / अज्ञेय
- देखिये न मेरी कारगुज़ारी / अज्ञेय
- सत्य तो बहुत मिले / अज्ञेय
- चाँदनी जी लो / अज्ञेय
- असाध्य वीणा (लम्बी रचना)
- मैंने आहुति बन कर देखा / अज्ञेय
- जो कहा नही गया / अज्ञेय
- कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय
- ताजमहल की छाया में / अज्ञेय
- बावरा अहेरी / अज्ञेय
- ये मेघ साहसिक सैलानी / अज्ञेय
- उड़ चल हारिल / अज्ञेय
- हँसती रहने देना / अज्ञेय
- सर्जना के क्षण / अज्ञेय
- ब्राह्म मुहूर्त / अज्ञेय
- यह दीप अकेला / अज्ञेय
- वन झरने की धार / अज्ञेय
- वसंत आ गया / अज्ञेय
- शरद / अज्ञेय
- सारस अकेले / अज्ञेय
- मैं ने देखा, एक बूँद / अज्ञेय
- उलाहना / अज्ञेय
- मन बहुत सोचता है / अज्ञेय