रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
जन्म | 30 अक्टूबर 1917 |
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निधन | 24 जनवरी 2008 |
जन्म स्थान | महुली घाट, बड़हरा, भोजपुर, बिहार |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हामार सुनीं (1996) हिन्दी-भोजपुरी गीतों का संग्रह। | |
विविध | |
1932 में नमक सत्याग्रह के दौरान जेल गए, फिर 1941 में जेल, फिर 1943 में 'भारत-छोड़ो' आन्दोलन के दौरान जेल। फिर कम्युनिस्ट बन गए और 1960 में सीपीआई, फिर 1964 में सीपीआई(एम) से जुड़े। इसके बाद उनका जुड़ाव सीपीआई(एमएल) से हुआ और उन्होंने नक्सलवाद का समर्थन किया। वर्ष 1966 में बिहार बंद के अलावा माले के आंदोलनों के दौरान कई बार जेल जाना पड़ा। रमता जी ने बिहार राज्य जनवादी देशभक्त मोर्चा और आइपीएफ के गठन में अहम भूमिका निभाई। वे आइपीएफ के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। किशोरावस्था से प्रारंभ संघर्ष-यात्रा आजीवन जारी रही। | |
जीवन परिचय | |
रमाकांत द्विवेदी 'रमता' / परिचय |
भोजपुरी गीत
- बेयालीस के साथी / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- भू दान / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- राजनीति सब के बुझे के बुझावे के परी / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- अइसन गाँव बना दे, जहाँ अत्याचार ना रहे / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- त हम का करीं / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- हमनी साथी हईं / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'
- हामार सुनीं / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'