राजमूर्ति 'सौरभ'
© कॉपीराइट: राजमूर्ति 'सौरभ'। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग राजमूर्ति 'सौरभ' की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 10 सितम्बर 1958 |
---|---|
जन्म स्थान | प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
राजमूर्ति 'सौरभ' / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- आँखों में जब सपने न थे तो टूटने का भय न था / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- इंसाँ के जज़्बात देखना / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- ग़ुज़रना है उन्हें तूफ़ान होकर / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- बेमतलब वो कब खुलते हैं / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- जिस्म सन्दल,कारनामे हैं मगर अंगार से। / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- सुरमई शाम ढलने को है / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- चमकता चेह्रा है किसका सवाल यह भी है / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- कुछ लालच कुछ डर बैठा है, / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- ये कैसा साधू है, / राजमूर्ति ‘सौरभ’
- खुले-खुले हों पंख हवा के,बाग़ में पंछी गाये तो / राजमूर्ति ‘सौरभ’