जयशंकर प्रसाद कृत कामायनी हिन्दी काव्य की एक कालजयी रचना है। इसका प्रकाशन 1935 में हुआ था।
- चिंता / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- चिंता / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- आशा / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- आशा / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- श्रद्धा / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- श्रद्धा / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- काम / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- काम / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- वासना / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- वासना / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- लज्जा / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- लज्जा / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- ईर्ष्या / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- ईर्ष्या / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- इड़ा / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- इड़ा / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- स्वप्न / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- स्वप्न / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- संघर्ष / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- संघर्ष / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- निर्वेद / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- निर्वेद / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- दर्शन / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- दर्शन / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- रहस्य / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- रहस्य / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- आनंद / भाग १ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद
- आनंद / भाग २ / कामायनी / जयशंकर प्रसाद