एहसास
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | हंसराज 'रहबर' |
---|---|
प्रकाशक | भगतसिंह विचार मंच, दिल्ली-110032 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | 81-86265-54-6 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
ग़ज़लें
- क्या चली क्या चली ये हवा क्या चली / हंसराज 'रहबर'
- जी है जुगनू-सी ज़िंदगी हमने / हंसराज 'रहबर'
- उनकी फ़ितरत है कि वे धोखा करें / हंसराज 'रहबर'
- काँटों से घबराने वले पग दो पग ही साथ चले / हंसराज 'रहबर'
- तअज्जुब है मकड़ी की तरह उलझा बशर होकर / हंसराज 'रहबर'
- तलाश करते हैं उसको जो हमनवा-सा था / हंसराज 'रहबर'
- ताज़ा ख़बर सुनाई किसी ने / हंसराज 'रहबर'
- किस कदर गर्म है हवा देखो / हंसराज 'रहबर'
- पस्त गर हौसला नहीं होता / हंसराज 'रहबर'
- लोग-बाग चुप क्यों हैं, शहर की हवा क्या है ? / हंसराज 'रहबर'
- मौजों का जब लिया है सहारा कभी-कभी / हंसराज 'रहबर'
- उसका भरोसा क्या यारो वो शब्दों का व्यापारी है / हंसराज 'रहबर'
- बात गो कुछ भी न थी चर्चा बहुत / हंसराज 'रहबर'
- पत्ते झड़ते हर कोई देखे लेकिन चर्चा कौन करे / हंसराज 'रहबर'
- अहले-जनूँ की रस्म निभाने को जी करे / हंसराज 'रहबर'
- कुछ मुख़्तसर-सी बात सुनाए तो बात है / हंसराज 'रहबर'
- वो झुठलाता फिरे दावा हमारा / हंसराज 'रहबर'
- दाग़-ए-दिल देख लिया ग़ैर ही समझा फिर भी / हंसराज 'रहबर'
- ख़ैर कुछ भी हुआ, हुआ तो सही / हंसराज 'रहबर'
- आख़िर एक बात बनी हो जैसे / हंसराज 'रहबर'
- दिल को और अक्ल को हमराज़ बना दो यारो / हंसराज 'रहबर'
- अपने किरदार में जोबात निहाँ है साक़ी / हंसराज 'रहबर'
- तलाश-ए-अज़मते-आदम नहीं है / हंसराज 'रहबर'
- ख़ुशी दिल को वही बस एक ख़ुशी महसूस होती है / हंसराज 'रहबर'
- आप सौ-सौ सबूत लाते हैं / हंसराज 'रहबर'
- मरहम तो मिला लेकिन क्या कुछ न गवाँ आया / हंसराज 'रहबर'
- हो गया मालूम दीवानों को वीराने का नाम / हंसराज 'रहबर'
- झूठ की चालें चलने वालो तुम को आख़िर मात मिलेगी / हंसराज 'रहबर'
- सुनने वालो थाम लो दिल, दास्ता कहता हूँ मैं / हंसराज 'रहबर'
- ये आदमी है और ये महफ़िल ही और है / हंसराज 'रहबर'
- नहीं रख सकता डर तूफ़ाँ का मुझको दूर मंज़िल से / हंसराज 'रहबर'
- ढूँढ़ने वाले कहाँ पाएगा तू मेरा निशाँ / हंसराज 'रहबर'
- ग़म-ए-फ़िराक में फिर और ग़म हुआ, हुआ न हुआ / हंसराज 'रहबर'
- बढ़ाता है तमन्ना आदमी आहिस्ता-आहिस्ता / हंसराज 'रहबर'
- चाँदनी रात है जवानी भी / हंसराज 'रहबर'
- हसरतों क शुमार रहता है / हंसराज 'रहबर'
- हर इक मंज़िल से आगे जा रहा हूँ / हंसराज 'रहबर'
- किसी ने देखकर देखा नहीं है / हंसराज 'रहबर'
- बहार आग है उस मर्ग़े-ए-नीम-जाँ के लिए / हंसराज 'रहबर'
- फ़र्द हूँ फ़र्ज़ हूँ शनासा हूँ / हंसराज 'रहबर'
- होश आते ही ऐसा बदला हूँ / हंसराज 'रहबर'
- जवानी सरकशी है सरगरानी कौन कहता है / हंसराज 'रहबर'
- अगर राह-ए-तरीकत में हविस हायल हो तो क्यों हो / हंसराज 'रहबर'
- दिल नहीं दिल ये माजरा क्या है / हंसराज 'रहबर'
- तफ़सीर मुहब्बत की क्या ख़ाक कोई जाने / हंसराज 'रहबर'
- कभी का उठ गया होता जहाँ से / हंसराज 'रहबर'
नज़्में
- नफ़रत / हंसराज 'रहबर'
- नया भारत / हंसराज 'रहबर'
- मैं हूँ एक चुनौती / हंसराज 'रहबर'
- जवाज़ / हंसराज 'रहबर'
- मिलजुल के संग्राम करेंगे / हंसराज 'रहबर'
- तब्दीली / हंसराज 'रहबर'
- सालगिरह पर / हंसराज 'रहबर'
- तआरुफ़ / हंसराज 'रहबर'
- आज़ादी का नाच / हंसराज 'रहबर'
- तुलसीदास / हंसराज 'रहबर'
- सुबह का सितारा / हंसराज 'रहबर'
- चंद ख़यालात / हंसराज 'रहबर'
- तलाश / हंसराज 'रहबर'
- उफ़क पर / हंसराज 'रहबर'
- चाँदनी रात का एक मंज़र / हंसराज 'रहबर'
- आवारा नग़्मा / हंसराज 'रहबर'
- हथकड़ी / हंसराज 'रहबर'
- तारों भरी रात / हंसराज 'रहबर'
- चाँद / हंसराज 'रहबर'
- ज़िंदगी / हंसराज 'रहबर'
- एहसास. / हंसराज 'रहबर'
- एक सितारा / हंसराज 'रहबर'
- गुमराह लीडर (एक) / हंसराज 'रहबर'
- गुमराह लीडर (दो) / हंसराज 'रहबर'
- क़ैदी / हंसराज 'रहबर'
- कहकहा / हंसराज 'रहबर'
- शिकवा / हंसराज 'रहबर'