प्रेमाश्रु-वर्षण
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रचनाकार | भारतेंदु हरिश्चंद्र |
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प्रकाशक | |
वर्ष | 1873 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- सखी री मोरा बोलन लागे / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- देखि सखि चंदा उदय भयो / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- सखी अब आनंद को रितु ऐहै / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- सखी री कछु तो तपन जुड़ानी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- भोजन कीजै प्रान-पिआरी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- एरी आजु झूलै छै जी श्याम हिंडोरें / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- सखी री ठाढ़े नंद-कुमार / भारतेंदु हरिश्चंद्र
- / भारतेंदु हरिश्चंद्र