रास्ते के बीच
रचनाकार | दिविक रमेश |
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प्रकाशक | पराग प्रकाशन,3/114,विश्वासनगर शाहदरा, दिल्ली-110032 |
वर्ष | 1977 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 92 |
ISBN | |
विविध |
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- कविता : एक निर्णय / दिविक रमेश
- एक शक्ति विराट / दिविक रमेश
- शहर : एक परिचित / दिविक रमेश
- सम्भव सम्वाद / दिविक रमेश
- एक युद्ध-कविता / दिविक रमेश
- मुक्तिबोध के नाम / दिविक रमेश
- शहर : एक जंगल / दिविक रमेश
- दूसरे किनारे पर / दिविक रमेश
- इनके पक्ष में / दिविक रमेश
- प्रतीक्षा / दिविक रमेश
- अस्तित्व की खोज / दिविक रमेश
- मेरा फूल : मेरे पौधे / दिविक रमेश
- गुमशुदा आदमी की कविता / दिविक रमेश
- कहीं गलत / दिविक रमेश
- एक पौराणिक प्रसंग से / दिविक रमेश
- अपनी भूमिका से / दिविक रमेश
- एक शोक-गीत / दिविक रमेश
- शब्द मेरा : मैं / दिविक रमेश
- एक और किनारा / दिविक रमेश
- आत्म-वक्तव्य / दिविक रमेश
- समर्पण ख़ूबसूरत आँखों का / दिविक रमेश
- फूल जो मेरे नहीं हैं / दिविक रमेश
- रंग नहीं मेरे पास / दिविक रमेश
- कुहासा-भरी शाम / दिविक रमेश
- चोट हथौड़े की / दिविक रमेश
- ये लोग / दिविक रमेश
- गलत समय की हार / दिविक रमेश
- अर्थ रखता है ज़िन्दगी का हर क्षण / दिविक रमेश
- दिशाओं के बहाने / दिविक रमेश
- वश के बाहर / दिविक रमेश
- सिरेहीन रेखाएँ / दिविक रमेश
- नियति / दिविक रमेश
- परिचित वह / दिविक रमेश
- व्यवस्थापकों के बीच / दिविक रमेश
- कमज़ोर क्षण / दिविक रमेश
- अपने लिए / दिविक रमेश
- संकेतों के बीच / दिविक रमेश
- गंध की तलाश / दिविक रमेश
- वक़्त-भीतर / दिविक रमेश
- बीच राह का प्रश्न / दिविक रमेश
- उत्तराधिकारी के नाम / दिविक रमेश
- बोध / दिविक रमेश
- अपनी-सी मृत्यु के बाद / दिविक रमेश
- सम्वेदना के विरूद्ध / दिविक रमेश
- ख़त / दिविक रमेश
- राह पर / दिविक रमेश
- प्रश्नों के बीच / दिविक रमेश
- इससे पहले कि शहर पत्थर हो जाए / दिविक रमेश
- सूरज मिल गया था / दिविक रमेश
- मौसम और उमस / दिविक रमेश
- रास्ते के बीच : एक आधुनिक आदमी / दिविक रमेश