हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
- मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई / हरियाणवी
- डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार / हरियाणवी
- सांझी सांझा हे कनागत परली पार / हरियाणवी
- म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी / हरियाणवी
- आरता हे आरता सांझी माई आरता / हरियाणवी
- हे मेरी सांझी तेरी चम्पा फूली / हरियाणवी
- सांझी चाली सांझ नै / हरियाणवी
- जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग / हरियाणवी
- हे खड़िआं थी सिरस तलै / हरियाणवी
- आरता ए आरता संझा माई आरता / हरियाणवी
- नौ नौ नौरते संझा माई के / हरियाणवी