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आरता ए आरता संझा माई आरता / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आरता ए आरता संझा माई आरता
आरता के फूल चमेली की डाल्ही
नौ नौ नोरते दुरगा माई के
सोलां कनागत पितरां के
जाग सांझी जाग तेरै मात्थे लाग्या भाग
पीली पीली पट्टिआं सदा सुहाग
सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी
क्यांहे की मांग भरावैगी
स्यालू ओढूंगी मिसरू पहरूंगी
मोतिआं की मांग भराऊंगी
सूच्चयां का जूड़ा जड़ाऊंगी
धूंधाए कै ओढैगी के पहरेगी
क्यांहे की मांग भरावैगी
क्यांहे का जूड़ा ए जड़ावैगी
गूदड़ औढूंगी खादड़ पहरूंगी
ढेर्यां की मांग भराऊंगी
ल्हीखा का जूड़ा ए जड़ाऊंगी।