हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आरता हे आरता सांझी माई आरता
आरते की फूल झवेलन बेल
इतने से भाइयां में कुणसा गोरा
चन्दा गोरा सूरज गोरा गोरा के रनयण काजल भर गेरे
आरता हे आरता सांझी माई आरता
आरते की फूल झवेलन बेल
इतने से भाइयां में कुणसा गोरा
चन्दा गोरा सूरज गोरा गोरा के रनयण काजल भर गेरे