भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छोटी-छोटी ख़ुशियाँ / अरुण कुमार नागपाल
Kavita Kosh से
Arun Kumar Nagpal (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:21, 9 दिसम्बर 2010 का अवतरण
क्यारियों को पानी देते बाबू जी
चूल्हा चौका सभांलती माँ
शर्ट का बटन टांकती पत्नी
टीचर के लिए लाल गुलाब ले जा रही
नन्हीं सी लड़की
कॉलबेल बजाता पोस्टमैन
कुछ लोग हैं हमारे इर्द-गिर्द
जो करते रह्ते हैं हमारे लिए
छोटे-छोटे काम
मुहँ से बिना कुछ कहे
अपने छोटे-छोटे कामों से
वे लगे हैं हमारे जीवन को सुंदर बनाने में
छोटी-छोटी खुशियाँ बाँटने में
हालाँकि हम भूल चुके हैं
आभार प्रकट करना
न जाने हम क्यों ले लेते हैं उन्हें इतनी सहज़ता से?