भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उडीक / शिवराज भारतीय

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:14, 9 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराज भारतीय |संग्रह=उजास रा सुपना / शिवराज भा…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


उडीकतां-उडीकतां
थकगी आंख्यां
सूकग्यो हलक
कसीजग्यो ताळुवो
पड़पड़ाइजग्या होंठ
धरती अर
मिनख रा
पण हाल ई
नीं दीसी बादळी।

उडीकतां-उडीकतां
पीळा पड़ग्या पान
चिड़मिड़ाइजग्यो धान
रूंवाळी निठगी‘र
खेत रै उणियारै
उडती दीसै भूर
पण हाल ईं
नीं दीसी बादळी।

उडीकतां-उडीकतां
आंतड्यां
गावण लागगी हरजस
पिंजर बणग्यो
डील
चालतां नै
आवै कोनी चाल
टाबरां अर डांगरा रा
गिणल्यौ भलैई
हाड-हाड
हे रामजी !
अब तो बिरखा काढ़।