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दिन घणां हुया / शिवराज भारतीय

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खेतां रै रस्तै जायां दिन घणां हुया
भातो ले भतरावण नै दिन घणां हुया

हाळी तरसै बिरखा बरसै
कद हळ बावण जावां
टीबै माथै मांड डूंचियो
टाबरिया बिलमावां
गोळ छुटायां गोफिया
दिन घणां हुआ

भातो ले भतरावण नै दिन घणां हुया
झीणो-झीणो बायरियो
धोरा-धरती हरखातो
मुळकती जुंवार, बाजरो
झालो दे‘र बुलातो
पीळा-पीळा फूलां सरस्यूं
आई नै दिन घणां हुया

भातो ले भतरावण नै दिन घणां हुया
काकड़िया-मतीरां रा जद
भर-भर बोरा ल्यांवता
खेलरी-फोफळिया करता
धाप-धाप गटकांवता
सुरंगो सावण आयां
दिन घणां हुया
भातो ले भतरावण नै दिन घणां हुया।