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हैदराबाद और यू.एन. ओ. / शैलेन्द्र

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रचनाकार: शैलेन्द्र

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पेरिस ! रात सोलह सितंबर की,

संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा सम्मिति

हैदराबाद का सवाल लेकर बैठी !


नवाब मुइन नवाज़ जंग ने अपील की--

दुहाई है रक्षा करो, घड़ी नहीं ढील की !

उठे रमास्वामी मुदलियार

ब्रिटिश सरकार के पुराने पेशकार

अब कांग्रेस के, प्रतिनिधि देश के !

बोले : राष्ट्र्संघ में हक नहीं हैदराबाद का

अवसर मत दो फ़रियाद का !

चक्र घटनाओं का ऎसा चला

मजबूरन करना पड़ा हमला

मिल-बाँटकर खाते तो क्या था

निज़ाम ग़ैर नहीं, अपना था !


फिर भी, निज़ाम के दोस्तों के दिल थे दहले से

कैडोगन तैयार थे पहले से !