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उडीक / प्रमोद कुमार शर्मा

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म्है
बां नै
सा‘रौ दियौ
अर चढ़ा दिया पहाड़ उपर !

बात ही जीत री
हुई बा
पण बै पहाड़ सूं उतरणौ भूलग्या
अर म्है बां री उडीक मांय
हुग्या पहाड़ !