भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बिस्मिल्लाह खां री सै‘नाई सुण‘र / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:00, 18 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्र…)
थारी सै‘नाई
थारी साधना
सै‘नाई अर संगीत
संगीत अर सै‘नाई।
जद ई म्हूं सुणू:
थारा साध्यौड़ा सुर
निजरा रै सामी
बेटी व्हीर होंवती निजर आवै !