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रेत खातर / सांवर दइया
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आ रेत थारी है
आ रेत म्हारी है
अर
थां-म्हां सूं ई बत्ती
बांरी है
रेत रै खेत में जिका
रेत रा रूंख बण र ऊगै
अर
पाछा रळ जावै
इणी रेत में
सगळां री है रेत
सगळा कर सकै
इण री सोरम सूं हेत
रेत माथै
धणियाप री बात बिरथा
जे करै ई कोई
तो बो करै
रेत नै जीवै जिको
रेत नै पीवै जिको
तपतै धोरां माथै
पैलड़ी बिरखा पछै
उठतै भभकां नै झेलै जिको
बळबळती लूवां रै थपेड़ां सूं
खेलै जिको
आपां तो अळघा ऊभा
सोरम लेवां
मौको पड़ै जणा
खाली ओळभा देवां
बरसां रो हेत
बरसां री प्रीत
कायम राखो
रेत री आई रीत
आ सीख
कदै नीं देवै रेत
रेत खातर
किणी रो गळो रेत
रेत खातर थारी-म्हारी करणी
रेत री औकात नै
ओछी करणी है
आपणी तो खैर है ई !