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अर्थहीन बोलणौ / प्रमोद कुमार शर्मा
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वक्त री इण खौफनाक घाटी में
जठै फुसफसाणण् लाग रैया है कीं सब्द
कित्तो अर्थहीन लागै
इण घाटी मांय बड़बड़ाणौ
जाणता थकां ई
कै कीं अर्थ नीं है आपणै बोलणै रौ।
फेर ई बोलणौ है
किस्सीक टेढ़ी सरत है इण घाटी री
जिण स्यूं गुजरण लाग रैया हां आपां ।