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तिड़कण लागौ गांव / अशोक जोशी 'क्रांत'

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जद सूं
राजनीति री भणाई
भणण लागौ है गांव
तद सूं
रूंख-रूंखड़ौ
खेज-खेजड़ौ
रेत-रेतौ
मोर-मोरियौ
काग-कागलौ
दोगळी भासा में
भुसण लागौ है गांव।
 
जद सूं
राजनीति री अटकळां
अटकावण लागौ है गांव
तद सूं
तीन-पांच
नऊ-दो
तूं-तां
फां-फूं
धां-धूं
थूं-थूं
थूक-फजीती में
अटकण लागौ है गांव।।
 
जद सूं
राजनीति री कुटळायां
काढ़ण लागौ है गांव
तद सूं
ठर्रौ-सराब
केसर-गुलाब
देसी-परदेसी
डोडा-अमल
भांग-चरस
बीड़ी-सिगरेट
अंधारै री कुडालियां में
कुटीजण लागौ है गांव।
 
जद सूं
राजनीति री ताकड़ियां
तुलण लागौ है गांव
तद सूं
कुम्हार-लुहार
माळी-हाळी
जाट-भाट
जाटव-यादव
एस.सी.-एस.टी.
ओ.बी.सी.-अल्पसंख्यक
जात-पात री आंच में
तिड़कण लागौ है गांव।
 
अबै तौ
राजनीति रा थोर रोप्यां
उरभाणौ ऊभौ है गांव
अर
अमूझै
घुटीजै
कळपै
 
धोब-धोबा
लोही रा आंसू
रोवै है गांव।