भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अनुनय / निज़ार क़ब्बानी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:06, 2 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=निज़ार क़ब्बानी |संग्रह= }} Category:अरबी भाषा <Poem> …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: निज़ार क़ब्बानी  » अनुनय

दूर रहो
मेरे दृष्टिपथ से
ताकि मैं रंगों में कर सकूँ अन्तर ।

दूर हो जाओ
मेरे हाथों की सीमा से
ताकि मैं जान सकूँ
इस ब्रह्माँड का वास्तविक रूपाकार
और खोज कर सकूँ
कि अपनी पृथ्वी है सचमुच गोलाकार ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह