भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डेडर / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:54, 6 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा }} Category:मूल राजस्थानी भाषा {{KKCatKavita}} …)
बिरखा में
डेडर टर्रावै
माऊ म्हानै
घणो सुहावै
अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "