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डांफर / श्याम महर्षि
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बेकारी अर
भूखमरी सूं
थाक‘र
बेवा झमकू
आपरै
दोनूं टाबरां नै
लेय‘र कूदगी
गांव रै
बोड़ियै कुवै मांय
कूवै रो पाणी
ठंडो टीप हो।
दूजै दिन
खाकी टोप्यां
आय‘र
लासां
कढ़ाई कूवै सूं
पंचनामो करीज्यो
अर लासां
सूंप दिवी
कडूंबै वाळां नैं
दिखणादी डाम्फर
घणै बेग सूं
चालण नै लागगी।