Last modified on 15 जनवरी 2011, at 04:01

बेटी-2 / मनोज कुमार स्वामी

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:01, 15 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मनोज कुमार स्वामी |संग्रह= }}‎ {{KKCatKavita‎}}<poem>कदी किण…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कदी
किणी री
बेटी
अब बणी
मां ।
बेटी रा
दुख
देख’र
सिसकारो नाख
बोली
बेटी तो
किणी रै
जामै’ई ना ।