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कोयल / रतन सिंह ढिल्लों

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कोयल गा रही थी

तूफ़ान आया
आम झड़ गए

कोयल
फिर भी गा रही थी ।
 
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला