ऐसे भी शुरू हो सकती है
पानी की कथा
एक लड़की थी
हल्की, नाज़ुक-सी
और एक लड़का था
हवाओं-सा, लहराता,
दोनों डूबे जब आकण्ठ
प्रेम में
तब बना पानी
ऐसे भी शुरू हो सकती है
पानी की कथा
एक लड़की थी
हल्की, नाज़ुक-सी
और एक लड़का था
हवाओं-सा, लहराता,
दोनों डूबे जब आकण्ठ
प्रेम में
तब बना पानी