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पानी: एक समीक्षा / नील कमल

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पानी की कथा

एक लड़की थी
हल्की, नाज़ुक-सी
 
और एक लड़का था
हवाओं-सा, लहराता,

दोनों डूबे जब आकण्ठ
प्रेम में
तब बना पानी