इसी तरह अंग्रेजी शासन के समय गुमानी ने लिखा है -
विलायत से चला फिरंगी पहले पहुँचा कलकत्ते….
अजब टोप बन्नाती कुर्ती ना कपड़े ना कुछ लत्ते….
सारा हिन्दुस्तान किया सर बिना लड़ाई कर फत्ते….
कहत गुमानी कलयुग ने यो सुब्बा भेजा अलबत्ते….
विष्णु का देवाल उखाड़ा ऊपर बंगला बना खरा….
महाराज का महल ढवाया बेडी खाना तहाँ धरा….
मल्ले महल उड़ाई नंदा बंगलो से भी तहाँ भरा….
अँग्रेज़ों ने अल्मोड़े का नक्षा ओरी और किया….