भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पडूत्तर / भंवर भादाणी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:52, 24 जनवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भंवर भादाणी |संग्रह=थार बोलै / भंवर भादाणी }} [[Catego…)
बधतो जावै है
आंतरो-हररोज
सवालां अर उत्तर-पडूतरां
बिच्चै।
हररोज चालै है भतूळिया
सवालां री धोबी-पिंछाट सारू
उठै है च्यारूंमेर
काळी कळूट जामण
खुलियौड़ी आंख्यां
बूरण खातर
चालै है तीर
डूंगरां रै बुरजा सूं
आंख्यां रा कोइया
बींधण सारू
चालै है
सबद-बेधी बाण
नूवां सवालां रा
गरभ पटकणा सारू
पण सेवट
सरू हूगी है
कवायद
उठण लागगी है
आंगळयां
काढण सारू
घांटां उळझ्योड़ा
पडूत्तर ।