भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

विश्वयुद्ध / अम्बिका दत्त

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:27, 2 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अम्बिका दत्त |संग्रह=लोग जहाँ खड़े है / अम्बिका …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


यह आवश्यक तो नहीं
कि सभी युद्धों का आधार
सिर्फ घृणा हो
क्या प्रेम की महती आकांक्षाओं के लिये
निर्णायक युद्ध नहीं लड़े जा सकते ?

पूर्णता से परिपूरित
ओ गंधाश्वरोहियों !
आओ
प्रेम की उदात्त भावनाओं से प्रेरित
एक घमासान विश्वयुद्ध रचें
‘अप्रेम’ के खिलाफ।