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हिदायत / भरत ओला
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‘अरे ओ नत्थुराम !
इधर आ
ठीक मेरे सामने
कितनी उम्र होगी तेरी
पच्चीस !
पर लगता तो पचास का है
धंसी आँखें
पिचके गाल
झुकी कमर
कुछ तो ध्यान रख
अपने स्वास्थ्य का
क्यों बेमौत मरता है ?
तू डॉक्टर को दिखा
मुझे लगता है
तुम्हें तपेदिक हो गया है।’
नत्थुराम बड़े गौर से
सुनता है
सा‘ब की हिदायत
यह जानते हुए
कि उसे
बचपन से टीबी है।