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दिल छलक उठा आँख भर आई / बशीर बद्र
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दिल छलक उट्ठा आँख भर आई
आज टी.वी. पर वो ख़बर आई
इन मसाइल में तेरी याद भी क्या
जैसे तितली पहाड़ पर आई
अपनी माँ की तरह उदास-उदास
बेटी शादी के बाद घर आई
अब तो मैं भी नज़र नहीं आता
या ख़ुदा कौन सी डगर आई
तुमने जो कुछ किया शराफ़त में
वो निदामत भी मेरे सर आई