भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चंद्रोदय / दिनेश कुमार शुक्ल

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:29, 10 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल |संग्रह=ललमुनिया की दुनिया / द…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नीले पीले लाल सुनहरे
गहरे-गहरे रंग
घटा में उभर रहे हैं

शायद कोई पृथ्वी
नभ के अन्तरतम में
जन्म ले रही

हो सकता है
बादल के परदों के पीछे
रंगमंच हो
किसी दूसरी ही दुनिया का