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निरथक / कन्हैया लाल सेठिया
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आ‘ग्यो
आघो
छूटगी लारै
मंजल
बावड़ पाछो
कोनी चालणै रो
कोई अरथ
जे नहीं पूगै
मिनख
ठौडसर !